प्रकृतिक में बदलाव / सैलानियों की आवाजाही बंद और शहर में ध्वनि प्रदूषण भी घटा इसलिए चिड़ियाघर में जंगल का आनंद ले रहे वन्य प्राणी

न लाेगाें का डर न वाहनों की आवाज, धूल-धुएं का प्रदूषण भी खत्म। लॉकडाउन के कारण पिछले दस दिन से बंद चिड़ियाघर के वन्य प्राणी इस समय अपने एनक्लोजर्स में खुलकर विचरण कर रहे हैं। रोजाना सैकडों लोगाें की आवाजाही के कारण टाइगर और भालू जैसे वन्य प्राणी खुद को लोगों से दूर रखने के लिए एनक्लोजर की बाउंड्रीवॉल से दूर पेड़, पत्थर आदि की आड़ में बैठते थे, अब वो आराम से बाउंड्रीवॉल के आस-पास घूम रहे हैं। हिरण वन में भी हिरण पूरे क्षेत्र में घूम रहे हैं।


उन्हें जंगल जैसी शुद्ध हवा और सुरक्षा का अनुभव हो रहा है। लॉकडाउन से पहले चिड़ियाघर के चारों ओर का मार्ग अत्यंत व्यस्त होने के कारण यहां 24 घंटे वाहनों की आवाजाही लगी रहतर थी। इससे होने वाले शोरगुल के कारण वन्यप्राणी चौकन्ने रहते थे। चिड़ियाघर के बीचोंबीच में बने हिरण वन में चिंकारा और हिरणों में वन्यजीव लोगों को देखकर पेड़ों की आड़ में झुंड में रहना पसंद करते थे, लेकिन अब वे खुलकर घूम रहे हैं। 


5वें दिन होता है दवाओं का छिड़काव 
चिड़ियाघर को विषाणु रहित बनाए रखने के लिए एनक्लोजर्स की सफाई के साथ-साथ यहां दवाओं का भी छिड़काव किया जाता है। यहां हर पांचवें दिन निगम का अमला वहां जाता है। 
लॉकडाउन से मिला प्राकृतिक माहौल
डाॅ. उपेंद्र यादव, पशु चिकित्सक, चिड़ियाघर के मुताबिक, लॉकडाउन के कारण चिड़ियाघर के वन्य प्राणियों में थोड़ा सुरक्षा का भाव बढ़ा है। लोगों की आवाजाही के साथ वाहनों आदि के चलने पर रोक लगने के कारण वे पूरी तरह से प्राकृतिक माहौल में विचरण कर रहे हैं। 



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